वीर सावरकर
विनायक दामोदर सावरकर न कहकर मैं अग्रणी क्रांतिकारी, प्रखर राष्ट्रवादी, लेखक, कवि, भाषण कला में निपुण वीर सावरकर कहूँगा। अटल जी की भाषा में कहें तो सावरकर मने तेज,त्याग,तप, तत्व,तर्क,तारुण्य, तीर,तलवार,तिलमिलाहट,तितिक्षा, तीखापन,तिखट। 1857 की क्रांति को अंग्रेजों ने पहले सैनिक विद्रोह, गदर कहते हुए इनकार कर दिया था सावरकर ने ही अपनी किताब द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस में अंग्रेजी हुकूमत के दस्तावेजों के आधार पर इसे (प्रामाणिक क्रांति) प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में प्रमाणित किया था। आगे के वर्षों में भगत सिंह, पुरुषोत्तम दास टंडन, रासबिहारी बोस सरीखे क्रांतिकारियों ने इसे प्रेरणा स्रोत माना। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मदद से इसका तमिल संस्करण भी प्रकाशित किया गया था। दुःख इस बात का हैं कि आजादी के बाद हमारा इतिहास वामपंथी विचारधारा और एक परिवार के लोगों से प्रभावित रहा। इसी कारण से वीर सावरकर और उनके साथ के क्रांतिकारी जिनमें वासुदेव बलवंत फड़के, चाफेकर बंधु, श्यामजी कृष्ण वर्मा, भीकाजी कामा, विरेंद्र चट्टोपाध्याय, मदनलाल, अनंत लक्ष्मण, औरोबिंदो घोष, प्रफुल्ला चाकी, खु...